Shiv chalisa pdf file पढ़ने के माध्यम से आप शिव भगवान के प्रति अपनी भक्ति को व्यक्त कर सकते हैं और उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव जी महादेव संपूर्ण ब्रह्मांड के स्वामी हैं, जिनकी इच्छा के बिना एक पत्ता भी हिलता नहीं है। वे बहुत ही भोले स्वभाव के होते हैं और अपने भक्तों की पूरी कामनाएं पूरी करते हैं। एक मान्यता है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन एक लोटा जल भगवान शिव को अर्पित करता है या सच्चे दिल से उनकी पूजा करता है, वह निरंतर अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़ता चला जाता है।
शिव चालीसा | Shiv Chalisa PDF in Hindi |
शिव चालीसा | Shiv Chalisa PDF in Hindi 2023
PDF Name | शिव चालीसा | Shiv Chalisa PDF in Hindi 2023 |
Pages | 2 |
Language | Hindi |
Source | chalisapdffile.blogspot.com |
Category | Religion & Spirituality |
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शिव चालीसा लिरिक्स | Shiv Chalisa Hindi Lyrics 2023
|| शिव चालीसा ||
॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन,मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम,देहु अभय वरदान॥
॥ चौपाई ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके।
कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे।
छवि को देखि नाग मन मोहे॥
मैना मातु की हवे दुलारी।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे।
सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ।
या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा।
सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं।
सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद माहि महिमा तुम गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला।
जरत सुरासुर भए विहाला॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई।
कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर।
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी।
करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै।
भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो।
येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो।
संकट ते मोहि आन उबारो॥
मात-पिता भ्राता सब होई।
संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी।
आय हरहु मम संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदा हीं।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन।
मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं।
शारद नारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमः शिवाय।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई।
ता पर होत है शम्भु सहाई॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी।
पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे।
ध्यान पूर्वक होम करावे॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा।
ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे।
अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
॥ दोहा ॥
नित्त नेम उठि प्रातः ही,पाठ करो चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना,पूर्ण करो जगदीश॥
मगसिर छठि हेमन्त ॠतु,संवत चौसठ जान।
स्तुति चालीसा शिवहि,पूर्ण कीन कल्याण॥
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[जय गिरिजा पति दीन दयाला PDF Link]
शिव चालीसा पढ़ने के द्वारा आप भगवान शिव की पूजा करें, उनकी कृपा को प्राप्त करें और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति को अपनाएं। यह PDF सुरक्षित है और आप इसे अपने मोबाइल या कंप्यूटर में आसानी से सहेज सकते हैं।
Frequently Asked Questions about: शिव चालीसा (Shiv Chalisa)
1. शिव चालीसा क्या है?
शिव चालीसा एक भक्तिपूर्ण गीत है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह 40 श्लोकों का एक गीत है जो भगवान शिव के गुणों और महिमा का वर्णन करता है। यह गीत संत तुलसीदास द्वारा लिखा गया है।
2. शिव चालीसा का पाठ करने से क्या लाभ होते हैं?
शिव चालीसा का पाठ करने से कई लाभ होते हैं। यह भक्ति, शांति, समृद्धि और मोक्ष प्रदान करता है। इसके अलावा, इसका पाठ करने से मन शांत होता है और चिंता दूर होती है। शरीर स्वस्थ रहता है और रोग दूर होते हैं। इसके साथ ही, यह पाठ करने से बुद्धि बढ़ती है और ज्ञान प्राप्त होता है।
3. शिव चालीसा का पाठ करने के लिए कौन-कौन से चरण हैं?
शिव चालीसा का पाठ करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- सबसे पहले, एक स्वच्छ और पवित्र स्थान पर बैठें।
- फिर, अपने हाथों को जोड़कर भगवान शिव का ध्यान करें।
- फिर, शिव चालीसा का पाठ करें।
- पाठ करते समय, मन को भक्ति में स्थिर रखें।
- पाठ के बाद, भगवान शिव की आरती करें और उनका प्रसाद ग्रहण करें।
4. शिव चालीसा में कितने नाम हैं? इनका पाठ करने से क्या लाभ होता है?
शिव चालीसा में शिव के 108 नामों का महत्व है। इन नामों का पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही, इन नामों का पाठ करने से मन शुद्ध होता है और बुद्धि बढ़ती है। शरीर स्वस्थ रहता है और रोग दूर होते हैं।
5. शिव चालीसा को कैसे सुना जा सकता है? क्या इसे डाउनलोड किया जा सकता है?
शिव चालीसा सुनने के विभिन्न तरीके हैं। आप शिव चालीसा को किसी भी भक्ति गीत के माध्यम से सुन सकते हैं। इसके साथ ही, आप शिव चालीसा को किसी भी भक्ति गीतांजलि के माध्यम से भी सुन सकते हैं। इसके अलावा, आप शिव चालीसा को किसी भी भक्ति पुस्तक के माध्यम से भी पढ़ सकते हैं।
आप shiv chalisa की एक प्रति किसी भी धार्मिक पुस्तकालय से प्राप्त कर सकते हैं या इसे किसी धार्मिक वेबसाइट से भी डाउनलोड कर सकते हैं। इसके साथ ही, आप इसे दूसरों के साथ साझा करके शिव चालीसा के प्रसार में योगदान दे सकते हैं और इसके बारे में दूसरों को बता सकते हैं। आप भक्ति के लिए शिव चालीसा के पाठ का आयोजन भी कर सकते हैं।