इस लेख में नीचे दिए गए PDF से काली चालीसा | Kali Chalisa Hindi PDF प्रदान कर रहे है। यदि आप काली चालीसा लिखी हुई को हिंदी में पीडीएफ रूप में पढ़ना चाहते हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। हम इस लेख में आपको Maa Kali Chalisa के बारे में संपूर्ण जानकारी और PDF लिंक प्रदान कर रहे हैं।
मां काली शक्ति सम्प्रदाय की प्रमुख देवी हैं और यह कुल दस महाविद्याओं के स्वरूपों में स्थान पाती हैं। वे शक्ति के महानतम स्वरूप हैं और काली की पूजा और उपासना से भय खत्म होता है। इनकी अर्चना से रोग मुक्ति मिलती है और राहु और केतु की शांति के लिए मां काली की उपासना अचूक है। मां अपने भक्तों की रक्षा करके उनके शत्रुओं का नाश करती हैं और इनकी पूजा से तंत्र-मंत्र का असर खत्म हो जाता है।
Kali Chalisa Hindi PDF Download |
माँ काली चालीसा | Kali Chalisa Pdf Summery
चमत्कारी काली चालीसा में मां काली के रौद्र रूप का विस्तार से वर्णन किया गया है। मां के सभी रूप उनके भक्तों के लिए कल्याणकारी होते हैं और दुष्टों और राक्षसों के लिए विनाशकारी होते हैं। एक पौराणिक कथा में माँ काली के इस रूप के बारे में जानते हैं।
कथा के अनुसार, पहले एक रक्तबीज नामक राक्षस था जिसने कठिन तपस्या करके ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर लिया था और उसे वरदान मिला कि जब भी उसके रक्त की एक बूंद पृथ्वी पर पड़ेगी, तो एक और रक्तबीज उत्पन्न हो जाएगा।
वरदान प्राप्त करने के बाद रक्तबीज बहुत शक्तिशाली हो गया और उसे अपनी शक्तियों का अभिमान हो गया। उसे वरदान के नशे में रहते हुए रक्तबीज ने सभी लोकों में हाहाकार मचाना शुरू कर दिया।
इससे परेशान होकर सभी देवताओं ने मां से विनती की और उसके बाद मां ने महाकाली का रूद्र रूप धारण किया और रक्तबीज के सभी रूपों का वध करने लगी और उनके रक्त की बूंद को पृथ्वी पर गिरने से पूर्व ही खप्पर ने एकत्र करके रक्तपान करने लगी।
इससे रक्तबीज की एक भी बूंद जमीन पर नहीं गिरने से धीरे-धीरे मां ने उसके सभी रूपों का नाश कर दिया और अंत में रक्तबीज का भी अंत कर दिया।
लेकिन रक्तबीज का वध करते करते मां इतनी ज्यादा क्रोधित हो गईं कि मां के क्रोध को शांत करने के लिए स्वयं भोलेनाथ को उनके मार्ग में आना पड़ा और महादेव मां काली के मार्ग में लेट गए, लेकिन मां ने अपने क्रोध के आवेश में ध्यान नहीं दिया और स्वयं शिव जी पर अपना पैर रख दिया।
लेकिन पैर रखने के बाद जब मां को आभास हुआ कि उन्होंने महादेव पर अपना पैर रख दिया है, तो उनकी जिव्हा मुख से बाहर आ गई। आपने अक्सर माँ काली के इसी रूप को तस्वीरों या मंदिरों में देखा होगा।
अगर आप मां काली के इस रूप को प्रसन्न करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको मां काली चालीसा का पाठ करना होगा, जो इस पोस्ट में पीडीऍफ़ फॉर्मेट में उपलब्ध किया गया है।
काली चालीसा पाठ करने के फायदे
मां काली चालीसा पाठ करने का बहुत सारे अद्भुत लाभ होते हैं, जिनके बारे में नीचे वर्णन किया गया है। यदि आप भी काली चालीसा का पाठ करते हैं, तो आपको इन लाभों का अनुभव होगा।
- सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति: माँ काली का पाठ करने से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।
- शत्रुओं का नाश: काली माँ का पाठ करने से आपके सभी शत्रुओं का नाश होता है।
- कष्टों का निवारण और माँ की कृपा: माँ काली आपके सभी कष्टों को दूर करती हैं और आप पर माता की कृपा बनी रहती है।
- मनोवांछित फल की प्राप्ति: सच्ची श्रद्धा और भक्तिभाव से माँ काली की पूजा करने से आपको सभी मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
- संकटों का निवारण: मां काली चालीसा का पाठ करके सभी प्रकार के संकटों को दूर किया जा सकता है।
- कलयुग में कलि के प्रभाव का नाश: माँ काली का पाठ करने से कलयुग में कलि के सभी प्रभाव दूर होते हैं।
इस प्रकार, यदि आप भी अपनी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करना चाहते हैं और अपने घर में सुख-समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको माता काली की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
Kali Chalisa Lyrics in Hind | काली चालीसा लिरिक्स हिंद में
॥ दोहा ॥
जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार ।
महिष मर्दिनी कालिका , देहु अभय अपार ॥
॥ चौपाई ॥
रि मद मान मिटावन हारी । मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ॥
अष्टभुजी सुखदायक माता । दुष्टदलन जग में विख्याता ॥
भाल विशाल मुकुट छवि छाजै । कर में शीश शत्रु का साजै ॥
दूजे हाथ लिए मधु प्याला । हाथ तीसरे सोहत भाला ॥
चौथे खप्पर खड्ग कर पांचे । छठे त्रिशूल शत्रु बल जांचे ॥
सप्तम करदमकत असि प्यारी । शोभा अद्भुत मात तुम्हारी ॥
अष्टम कर भक्तन वर दाता । जग मनहरण रूप ये माता ॥
भक्तन में अनुरक्त भवानी । निशदिन रटें ॠषी-मुनि ज्ञानी ॥
महशक्ति अति प्रबल पुनीता । तू ही काली तू ही सीता ॥
पतित तारिणी हे जग पालक । कल्याणी पापी कुल घालक ॥
शेष सुरेश न पावत पारा । गौरी रूप धर्यो इक बारा ॥
तुम समान दाता नहिं दूजा । विधिवत करें भक्तजन पूजा ॥
रूप भयंकर जब तुम धारा । दुष्टदलन कीन्हेहु संहारा ॥
नाम अनेकन मात तुम्हारे । भक्तजनों के संकट टारे ॥
कलि के कष्ट कलेशन हरनी । भव भय मोचन मंगल करनी ॥
महिमा अगम वेद यश गावैं । नारद शारद पार न पावैं ॥
भू पर भार बढ्यौ जब भारी । तब तब तुम प्रकटीं महतारी ॥
आदि अनादि अभय वरदाता । विश्वविदित भव संकट त्राता ॥
कुसमय नाम तुम्हारौ लीन्हा । उसको सदा अभय वर दीन्हा ॥
ध्यान धरें श्रुति शेष सुरेशा । काल रूप लखि तुमरो भेषा ॥
कलुआ भैंरों संग तुम्हारे । अरि हित रूप भयानक धारे ॥
सेवक लांगुर रहत अगारी । चौसठ जोगन आज्ञाकारी ॥
त्रेता में रघुवर हित आई । दशकंधर की सैन नसाई ॥
खेला रण का खेल निराला । भरा मांस-मज्जा से प्याला ॥
रौद्र रूप लखि दानव भागे । कियौ गवन भवन निज त्यागे ॥
तब ऐसौ तामस चढ़ आयो । स्वजन विजन को भेद भुलायो ॥
ये बालक लखि शंकर आए । राह रोक चरनन में धाए ॥
तब मुख जीभ निकर जो आई । यही रूप प्रचलित है माई ॥
बाढ्यो महिषासुर मद भारी । पीड़ित किए सकल नर-नारी ॥
करूण पुकार सुनी भक्तन की । पीर मिटावन हित जन-जन की ॥
तब प्रगटी निज सैन समेता । नाम पड़ा मां महिष विजेता ॥
शुंभ निशुंभ हने छन माहीं । तुम सम जग दूसर कोउ नाहीं ॥
मान मथनहारी खल दल के । सदा सहायक भक्त विकल के ॥
दीन विहीन करैं नित सेवा । पावैं मनवांछित फल मेवा ॥
संकट में जो सुमिरन करहीं । उनके कष्ट मातु तुम हरहीं ॥
प्रेम सहित जो कीरति गावैं । भव बन्धन सों मुक्ती पावैं ॥
काली चालीसा जो पढ़हीं । स्वर्गलोक बिनु बंधन चढ़हीं ॥
दया दृष्टि हेरौ जगदम्बा । केहि कारण मां कियौ विलम्बा ॥
करहु मातु भक्तन रखवाली । जयति जयति काली कंकाली ॥
सेवक दीन अनाथ अनारी । भक्तिभाव युति शरण तुम्हारी ॥
॥ दोहा ॥
प्रेम सहित जो करे, काली चालीसा पाठ ।
Kali Mata Aarti / काली माता की आरती
अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
तेरे भक्त जनो पर माताभीर पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पड़ो माँकरके सिंह सवारी॥
सौ-सौ सिहों से बलशाली,है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
माँ-बेटे का है इस जग मेंबड़ा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने हैपर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली,अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखड़े निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
नहीं मांगते धन और दौलत,न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे चरणों मेंछोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली,लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को संवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
चरण शरण में खड़े तुम्हारी,ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँसंकट हरने वाली॥
माँ भर दो भक्ति रस प्याली,अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
Kali Kavach PDF / काली कवच
ऊँ क्लीं मे हृदयम् पातु पादौ श्रीकालरात्रि।
ललाटे सततम् पातु तुष्टग्रह निवारिणी॥
रसनाम् पातु कौमारी, भैरवी चक्षुषोर्भम।
कटौ पृष्ठे महेशानी, कर्णोशङ्करभामिनी॥
वर्जितानी तु स्थानाभि यानि च कवचेन हि।
तानि सर्वाणि मे देवीसततंपातु स्तम्भिनी॥
Kali Stotra PDF / काली स्तोत्र
हीं कालरात्रि श्रीं कराली च क्लीं कल्याणी कलावती।
कालमाता कलिदर्पध्नी कमदीश कुपान्विता॥
कामबीजजपान्दा कमबीजस्वरूपिणी।
कुमतिघ्नी कुलीनर्तिनाशिनी कुल कामिनी॥
क्लीं ह्रीं श्रीं मन्त्र्वर्णेन कालकण्टकघातिनी।
कृपामयी कृपाधारा कृपापारा कृपागमा॥
काली चालीसा | काली चालीसा | Kali Chalisa Hindi PDF करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
आपके आध्यात्मिक और अन्य सारे उद्देश्यों की पूर्ति के लिए Maa Kali Chalisa का पाठ करना अत्यंत फलदायी है। इस चालीसा के विशेष छंदों में छिपे हुए गुण और शक्तियों को समझकर आप अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। इस पवित्र भजन के द्वारा माँ काली के आशीर्वाद से आपको सफलता, सुख, समृद्धि और संपूर्ण कल्याण की प्राप्ति होगी।
अपने जीवन को समृद्ध और शांति से भरने के लिए, जल्द से जल्द काली चालीसा को पढ़ें और इस उत्कृष्ट भजन की आनंद लें।
Kali Chalisa PDF |
आपके आध्यात्मिक और अन्य सारे उद्देश्यों की पूर्ति के लिए Maa Kali Chalisa का पाठ करना अत्यंत फलदायी है। इस चालीसा के विशेष छंदों में छिपे हुए गुण और शक्तियों को समझकर आप अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। इस पवित्र भजन के द्वारा माँ काली के आशीर्वाद से आपको सफलता, सुख, समृद्धि और संपूर्ण कल्याण की प्राप्ति होगी।
kali chalisa video | मां काली चालीसा वीडियो
Saraswati Chalisa PDF | सरस्वती चालीसा हिंदी में : 2023Shiv Tandav Stotram PDF | शिव तांडव स्तोत्र: 2023शिवजी की आरती | Shiv Aarti Pdf Download: 2023
FAQS
1. काली चालीसा क्या है?
- काली चालीसा एक भक्ति गीत है जो देवी काली की प्रशंसा करता है। यह चालीसा 40 श्लोकों से बनी है और हिंदू धर्म में देवी काली की पूजा करने के लिए पढ़ा जाता है।
2. काली चालीसा का पाठ करने के क्या लाभ हैं?
- काली चालीसा का पाठ करने से कई लाभ होते हैं। यह भक्तों को शांति, समृद्धि और सुरक्षा प्रदान करता है। यह भक्तों को बुरी शक्तियों से दूर रखता है और उन्हें सभी कष्टों से मुक्ति दिलाता है।
3. काली चालीसा कैसे पढ़ा जाता है?
- काली चालीसा को किसी भी दिन और किसी भी समय पढ़ा जा सकता है। हालांकि, इसे नवरात्रि के दौरान पढ़ना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
4. काली चालीसा में प्रत्येक श्लोक का क्या महत्व है?
- काली चालीसा में प्रत्येक श्लोक देवी काली के एक अलग रूप की प्रशंसा करता है। श्लोकों में देवी काली की शक्ति, दया और करुणा का वर्णन किया गया है।
5. काली चालीसा और दुर्गा चालीसा में क्या अंतर है?
- काली चालीसा और दुर्गा चालीसा दोनों ही देवी काली की प्रशंसा करते हैं। हालांकि, काली चालीसा दुर्गा चालीसा की तुलना में अधिक विस्तृत है और इसमें देवी काली के अधिक रूपों की प्रशंसा की गई है।
6. काली चालीसा का पाठ करते समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?
- काली चालीसा का पाठ करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, भक्त को साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए। दूसरे, भक्त को पूजा स्थल को साफ और सुंदर बनाना चाहिए। तीसरे, भक्त को पूजा के दौरान धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करना चाहिए। चौथे, भक्त को देवी काली की पूजा में पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ शामिल होना चाहिए।
7. काली पूजा के मंत्र क्या हैं?
- काली पूजा के लिए कई मंत्र हैं। सबसे प्रसिद्ध मंत्र "ॐ क्रीं क्रीं क्रीं काली काली काली" है। इस मंत्र का जाप करने से भक्त देवी काली की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
8. काली पूजा का क्या महत्व है?
- काली पूजा का महत्व बहुत अधिक है। यह पूजा भक्तों को शांति, समृद्धि और सुरक्षा प्रदान करती है। यह भक्तों को बुरी शक्तियों से दूर रखता है और उन्हें सभी कष्टों से मुक्ति दिलाता है।
9. काली पूजा कैसे मनाई जाती है?
- काली पूजा को नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से मनाया जाता है। नवरात्रि एक नौ दिवसीय उत्सव है जो हर साल सितंबर या अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है। इस उत्सव में भक्त देवी काली की पूजा करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।
10. काली पूजा के दौरान काली को क्या भोजन अर्पित किया जाता है?
- काली पूजा के दौरान देवी काली को कई तरह के भोजन अर्पित किए जाते हैं। सबसे प्रसिद्ध भोजन "खिचड़ी" है। खिचड़ी को देवी काली का प्रसाद माना जाता है।