आप सभी का स्वागत है! इस लेख में हम आपके लिए भगवान शनि देव की चालीसा / Shani Chalisa PDF in Hindi में प्रदान कर रहे हैं। हिंदू धर्म में भगवान शनिदेव को एक शक्तिशाली देवता माना जाता है, और उनकी पूजा से बुरी शक्तियों का प्रभाव इंसान से हमेशा के लिए दूर हो जाता है। जिस व्यक्ति के जीवन पर भगवान शनिदेव की कृपा छाई होती है, उसे किसी भी प्रकार की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता। शनि देव जी को मुख्य रूप से सूर्य देव के पुत्र के रूप में जाना जाता है, और उन्होंने भगवान शिव की कठोर तपस्या का सम्मान किया और उन्हें अपने इच्छित वरदान को प्रदान किया। उन्होंने शनि देव को नवग्रहों में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया और उनके नाम से देवताओं को भयभीत किया।
Shani Chalisa PDF in Hindi 2023 |
यदि आप भगवान शनिदेव की उपासना करना चाहते हैं, तो आप सही जगह पर हैं! यहां से आप आसानी सेShani Chalisa PDF को पढ़ सकते हैं और उसका पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं। इस प्रस्तुति में हमने सभी अपने ज्ञान का समर्थन किया है ताकि आपको यह समझने में कोई भी समस्या न हो।
शनि देव की चालीसा पढ़ने से हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। इस चालीसा का नियमित रूप से पाठ करने से हमारे कष्टों का समाधान होता है और हमें नई ऊर्जा का अनुभव होता है। शनि देव को समर्पित यह चालीसा हमारे जीवन के सभी क्षेत्रों में समृद्धि और सफलता की प्राप्ति में सहायक सिद्ध होती है।
इस भव्य चालीसा को नियमित रूप से पढ़ने से शनि देव हमारे जीवन में अधिक सकारात्मक विक्रिया लाते हैं और हमारे धन, स्वास्थ्य, और सम्पूर्ण कार्यक्षेत्र में उनकी कृपा से समृद्धि की प्राप्ति होती है। शनि देव की चालीसा को पढ़ने से भयभीति और अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है और जीवन में खुशियां आती हैं।
शनि चालीसा पढ़ने के अलावा, हमें भगवान शनिदेव का ध्यान करना चाहिए, उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए, और उन्हें नियमित रूप से पूजन करना चाहिए। यह हमें उनके शुभ असर को अनुभव करने में मदद करेगा।
ध्यान रखें कि Shani Chalisa PDF को पढ़ने से पहले, हमें शुद्ध मन और शुद्ध शरीर के साथ पूजन करना चाहिए। शनिदेव की पूजा के लिए शनिवार का दिन विशेष रूप से माना जाता है। इस दिन हमें शनिदेव की चालीसा का पाठ करना चाहिए और उनके चरणों में अर्चना करनी चाहिए। इससे हमारे जीवन में खुशियां और समृद्धि का आगमन होगा।
सभी क्षेत्रों में शनि देव की कृपा और आशीर्वाद से हमें अनेक लाभ होते हैं। इसलिए उनके प्रति हमें भक्ति और समर्पण के साथ उनकी पूजा करनी चाहिए।
ध्यान देने योग्य बात है कि शनि चालीसा का पाठ करने से पहले हमें उसके अर्थ को समझना चाहिए। इससे हमें शनिदेव के गुणों और महत्व का अधिक सम्मान होगा और हम उनके ध्यान में अधिक लगेंगे।
ध्यान रखें कि shani dev chalisa pdf को पढ़ने से हमें अपने अहंकार को छोड़ना चाहिए और अन्याय के प्रति भावना से दूर रहना चाहिए। हमें अपने जीवन में ईमानदार, करुणामयी, और धैर्यशील बनना चाहिए। इससे हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होगा और हम सफलता की नई ऊँचाइयों को छू सकेंगे।
आज ही से शनि देव की चालीसा का पाठ अपने जीवन में शामिल करें और उनके दिव्य आशीर्वाद से समृद्धि और सफलता की प्राप्ति करें। ध्यान रखें कि नियमित रूप से इसका पाठ करने से हमारे जीवन के सभी क्षेत्रों में समृद्धि आती है और हम अपने लक्ष्यों को पूरा करने में सफल होते हैं।
ध्यान देने योग्य बात है कि शनि चालीसा का पाठ अपने जीवन में अधिक से अधिक लोगों को सलाहित करें और उन्हें भी इसके लाभ का अनुभव करने का अवसर दें।
शनि चालीसा | Shani Chalisa PDF in Hindi
PDF Name | शनिदेव की चालीसा | Shani Chalisa PDF in Hindi |
Pages | 3 |
Language | Hindi |
Category | Religion & Spirituality |
Source | chalisapdffile.blogspot.com |
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शनि चालीसा लिरिक्स हिंदी में | Shani Chalisa Lyrics in Hindi
।। दोहा ।।
।। चौपाई ।।
जयति जयति शनिदेव दयाला । करत सदा भक्तन प्रतिपाला ।।
चारि भुजा तनु श्याम विराजै । माथे रतन मुकुट छबि छाजै ।।
परम विशाल मनोहर भाला । टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला ।।
कुण्डल श्रवण चमाचम चमके । हिय माल मुक्तन मणि दमकै ।।
कर में गदा त्रिशूल कुठारा । पल बिच करैं अरिहिं संहारा ।।
पिंगल, कृष्णों, छाया, नन्दन । यम, कोणस्थ, रौद्र, दुख भंजन ।।
सौरी, मन्द, शनी, दश नामा । भानु पुत्र पूजहिं सब कामा ।।
जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं । रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं ।।
पर्वतहू तृण होई निहारत । तृणहू को पर्वत करि डारत ।।
राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो । कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो ।।
बनहूँ में मृग कपट दिखाई । मातु जानकी गई चुराई ।।
लखनहिं शक्ति विकल करिडारा । मचिगा दल में हाहाकारा ।।
रावण की गति मति बौराई । रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई ।।
दियो कीट करि कंचन लंका । बजि बजरंग बीर की डंका ।।
नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा । चित्र मयूर निगलि गै हारा ।।
हार नौलखा लाग्यो चोरी । हाथ पैर डरवायो तोरी ।।
भारी दशा निकृष्ट दिखायो । तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो ।।
विनय राग दीपक महं कीन्हयों । तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों ।।
हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी । आपहुं भरे डोम घर पानी ।।
तैसे नल पर दशा सिरानी । भूंजी-मीन कूद गई पानी ।।
श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई । पार्वती को सती कराई ।।
तनिक विलोकत ही करि रीसा । नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा ।।
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी । बची द्रौपदी होति उघारी ।।
कौरव के भी गति मति मारयो । युद्ध महाभारत करि डारयो ।।
रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला । लेकर कूदि परयो पाताला ।।
शेष देवलखि विनती लाई । रवि को मुख ते दियो छुड़ाई ।।
वाहन प्रभु के सात सजाना । जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना ।।
जम्बुक सिंह आदि नख धारी । सो फल ज्योतिष कहत पुकारी ।।
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं । हय ते सुख सम्पति उपजावैं ।।
गर्दभ हानि करै बहु काजा । सिंह सिद्धकर राज समाजा ।।
जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै । मृग दे कष्ट प्राण संहारै ।।
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी । चोरी आदि होय डर भारी ।।
तैसहि चारि चरण यह नामा । स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा ।।
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं । धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं ।।
समता ताम्र रजत शुभकारी । स्वर्ण सर्वसुख मंगल भारी ।।
जो यह शनि चरित्र नित गावै । कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै ।।
अद्भुत नाथ दिखावैं लीला । करैं शत्रु के नशि बलि ढीला ।।
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई । विधिवत शनि ग्रह शांति कराई ।।
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत । दीप दान दै बहु सुख पावत ।।
कहत राम सुन्दर प्रभु दासा । शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा ।।
।। दोहा ।।
पाठ शनिश्चर देव को, की हों विमल तैयार । करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार ।
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शनि देव की पूजा के लिए विधि और तरीके
शनि देव को हिंदू धर्म में न्यायप्रिय देवता के रूप में जाना जाता है, और उन्हें सच्चे मन से पूजने से भक्तों को उनकी कृपा प्राप्त होती है। शनि देव की पूजा करने से व्यक्ति के दुखों का नाश होता है और उन्हें समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है। शनि देव की पूजा करने के लिए कुछ सरल विधियों को अनुसरण करके हम अपने जीवन को समृद्ध और सुखमय बना सकते हैं। नीचे दी गई विधि और तरीकों का पालन करके आप भगवान शनि की पूजा कर सकते हैं:
1. खुद को शुद्ध करें
- शनि देव की पूजा को शुरू करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। यह सात्विकता और पवित्रता का संकेत होता है। अपने मन को शुद्ध करने के लिए एक शांति भरी जगह पर बैठें और ध्यान करें। ध्यान करने से आपका मन शांत होगा और आप शनि देव की पूजा को एकाग्र मन से कर पाएंगे।
2. वेदी की स्थापना करें
- पूजा के लिए एक वेदी बनाएं। एक साफ कपड़े पर भगवान शनि की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। इससे पूजा का विधान पूरा होगा। शनि देव की तस्वीर या मूर्ति को सुंदर फूलों और फलों से सजाएं। यह भगवान के सामर्थ्य का प्रतीक होगा और उनकी पूजा में आपको और भी आनंद मिलेगा।
3. दीपक जलाएं
- पूजा के दौरान सरसों के तेल से दीपक जलाएं। शनिदेव की तस्वीर या मूर्ति के सामने दीपक जलाना शुभ माना जाता है। इससे आपकी पूजा की संपूर्णता होगी और भगवान को आपकी पूरी भक्ति मिलेगी।
4. पूजा अर्चना करें
- भगवान शनि का आशीर्वाद और सुरक्षा पाने के लिए उनकी पूजा करें। शनि चालीसा का पाठ करें और उनके सामर्थ्य पर विश्वास रखें। शनि चालीसा में उनके गुणों और कर्मों के महत्वपूर्ण अंशों का वर्णन होता है। इसे भक्ति और विश्वास के साथ पाठ करें और शनि देव की कृपा प्राप्त करें।
5. प्रसाद चढ़ाएं
- शनिदेव को प्रसाद के रूप में कुछ फल या मिठाई का भोग लगाएं। भक्ति और प्रेम से तैयार किया गया प्रसाद भगवान को आनंदित करता है। आप शनि देव को प्रसाद के रूप में ताम्बूल, नारियल, घी और शक्कर भी चढ़ा सकते हैं। यह उन्हें प्रसन्न करने में सहायक होगा और आपके जीवन में समृद्धि आएगी।
6. पूजा का समापन करें
- शनि देव की आरती करके और अपने कल्याण के लिए उनका आशीर्वाद मांगकर पूजा का समापन करें। आपकी ईमानदारी और भक्ति से संपन्न पूजा से शनि देव आपके कष्टों को हरेंगे और सुख-शांति देंगे। उनके आशीर्वाद से आपके जीवन में सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होगी।
इस लंबे और विस्तृत लेख में हमने शनि देव की पूजा करने की विधि और तरीके के बारे में बताया है जो आपके लिए उपयोगी साबित होंगे। शनि देव की पूजा करने से हम अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं और उनकी कृपा से हमें समृद्धि, सुख और शांति की प्राप्ति हो सकती है। पूजा का समय धैर्य से चुनें और भक्ति भाव से करें, जिससे कि आपके इच्छित फल मिल सके। भगवान शनि की कृपा से आपका जीवन समृद्ध और सुखमय हो।
शनि चालीसा के लाभ | Shani Chalisa ke Fayde
शनि चालीसा का नियमित रूप से जाप करने से हमारे जीवन में विभिन्न प्रकार के लाभ हो सकते हैं:
1. भौतिक समृद्धि
- शनि चालीसा का जाप करने से भौतिक समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह हमें व्यवसाय में सफलता प्रदान करता है और आर्थिक समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
2. सुरक्षा और रक्षा
- शनि ग्रह हमें विपरीत अवस्थाओं से बचाने में मदद करता है। शनि चालीसा के जाप से हम झूठे आरोपों, अपराधों और बुरे कार्यों से सुरक्षित रह सकते हैं।
3. बुराई से मुक्ति
- शनि चालीसा का जाप करने से हम जीवन में आने वाली दुर्घटनाओं और आपदाओं से बच सकते हैं। यह हमें बुराई से मुक्ति प्रदान करता है।
4. दृष्टि की स्पष्टता
- शनि चालीसा का जाप करने से हमारे विचारों में निखार आता है और हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प बना सकते हैं। यह हमें दृष्टि की स्पष्टता प्रदान करता है।
FAQs
प्रश्न 1. शनि की शत्रु राशि कौन सी है?
उत्तर. शनि को ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है जो कठिनाइयों, संघर्षों, और सफलता के मार्ग में विध्वंसक है। शनि ग्रह कुछ राशियों के स्वामी के रूप में भी जाना जाता है और इन राशियों को शनि की शत्रु राशियां कहा जाता है। इस तरीके से, शनि की शत्रु राशियां हैं: मेष, वृश्चिक, कर्क और सिंह। शनि इन राशियों के स्वामी ग्रह होते हैं और इसलिए इन राशियों के जातकों के लिए शनि एक महत्वपूर्ण ग्रह होता है।
प्रश्न 2. शनि ग्रह का महत्व क्या है?
उत्तर. विज्ञान और ज्योतिष के अनुसार ग्रह और नक्षत्र इंसान के जीवन पर अद्भुत प्रभाव डालते हैं। ज्योतिष में नवग्रहों का विशेष महत्व है और इनमें से एक ग्रह शनि है। शनि को ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है जो कठिनाइयों, संघर्षों, और सफलता के मार्ग में विध्वंसक है। शनि ग्रह के प्रभाव को समझने के लिए उसका महत्वपूर्ण अध्ययन किया जाना चाहिए।
प्रश्न 3. शनि को खुश कैसे रखा जा सकता है?
उत्तर. शनि के प्रभाव को शांत करने के लिए आप अपने आसपास के जरूरतमंदों को आर्थिक सहायता देकर उनकी मदद कर सकते हैं। एक सकारात्मक जीवन जीने का प्रयास करें और दान को अपने जीवन का नियमित हिस्सा बनाएं। शनि ग्रह के लिए गरीबों को भोजन कराना एक शक्तिशाली उपाय है जो आपके जीवन में सुख-शांति का स्रोत बन सकता है। शनि को खुश रखने के लिए दृढ़ विश्वास, सदयता, और दया के साथ अपने कर्मों को करें।
प्रश्न 4. शनि की नाराजगी से बचने के उपाय क्या हैं?
उत्तर. शनि देव बुजुर्गों, असहायों और बड़ों का अनादर करने से नाराज होते हैं। इन लोगों में से किसी का भी अपमान करने से शनि देव की क्रूर दृष्टि का सामना करना पड़ता है। अगर आपने किसी व्यक्ति से आपने पैसे उधार लिए हैं और उसे जानबूझ कर वापस नहीं कर रहे हैं तो आपको शनि का प्रकोप झेलना पड़ सकता है। इसलिए सभी के साथ धैर्य रखें और भगवान के नियमों का पालन करें। शनि की नाराजगी से बचने के लिए धैर्य रखें, ईमानदारी से काम करें, और अपने कर्मों को शुद्ध रखें।
प्रश्न 5. शनि चालीसा का महत्व क्या है?
उत्तर. शनि चालीसा को शनि देव की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। शनि चालीसा का पाठ करने से शनि देव की कृपा मिलती है और उनके अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। शनि चालीसा का पाठ शनि देव की क्रूर दृष्टि से बचने में मदद करता है और जीवन में समृद्धि और सुख-शांति का साधन बनता है। शनि चालीसा का पाठ नियमित रूप से शनि देव की पूजा के दौरान किया जाना चाहिए।
प्रश्न 6. शनि चालीसा कब किया जाना चाहिए?
उत्तर. शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ करने से समस्याओं और बाधाओं से छुटकारा प्राप्त हो सकता है। जो लोग शनि की दशा, ढैय्या और साढ़ेसाती से गुजर रहे हैं, उन्हें शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए। इससे उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन हो सकता है और उन्हें शनि के दोषों से मुक्ति मिल सकती है। शनि चालीसा का पाठ नियमित रूप से करने से व्यक्ति को शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके जीवन में समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।